Thursday, 30 July 2020

मै कार्तीक बोल रहा हूँ....राममंदिर

 (photo from internet with Thanks)

i got this inspiration from FM radio (all rights reserved for them offcource)

i guess this is fantastic formate to comment on current affairs.
every time kartik calls his dad and gets irritated with dad's poetry, terrible English and phylosophy and requests dad to disconnect.


my script attempt
script-4: 30-July-2020

Phone की ring बजती है....

कार्तीक : मै कार्तीक बोल रहा हूँ

डॅड : बोलो बेटे. का बात है ?

कार्तीक : डॅड,
बहूत जल्दी राममंदिर का पूजन होने जा रहा है, लेकिन कुछ नाकारे लोग बडे जल रहे,और राममंदिर पूजन के विरोधमें कैसी कैसी बयानबाजी कर रहे है.

क्या यह सही है?

डॅड : देखो बेटे, तुम्हारी बाते सुननेके बाद कुछ पंक्तीया याद आ रही है..
मुलाहिजा अर्ज करता हूँ

कार्तीक : डॅ....ड

डॅड : 

खुलती बसंत जैसे
धुलता कलंक जैसे
दिल की दरार में हो प्यार का सीमेंट जैसे
अखियों ही अखियों में जंग की फ्रंट जैसे
मिल जाए सदियों से अटका रिफंड जैसे


या फिर,

रामा रामा गजब हुई गवा रे -
हाल हमरा अजब हुई गवा रे
दिल मचल सा गया है
कुछ बदल सा गया है
जाने कैसे ये कब हुई गवा रे
रामा रामा हो रामा रामा रामा रामा ...
किसने जादू चलाया
बरसों में जो हो न पाया
एक पल में वो सब हुई गवा रे
रामा रामा हो रामा रामा

कुछ पाचसो साल बाद यह शुभघडी आयी है, सब को खुष होना चाहीये.
दिवाली के पहले एक दिवाली आयी है.

कार्तीक : डॅड, कौई एक अकल का दुश्मन कह रहा है कि पंधरा मिनीट के लिये पुलीस...

डॅड : देखो बेटे,

यहाँ चौड़ी छाती वीरों की,
यहाँ भोली शक्लें हीरों की,

दिलबर के लिये दिलदार हैं हम,
दुश्मन के लिये तलवार हैं हम,
मैदान में अगर हम दट जाएं,
मुश्किल है के पीछे हट जाएं,


कार्तीक : इसका मेरी प्राॅब्लेमसे क्या connection ?

डॅड: देखो बेटे,हालाखी इसमें दो राय नही है  की......
इस देश का नाम हिंदूस्तान है और रहेगा.
तो जाहीर सी बात है के जो मेजाॅरीटी जनता चाहेगी वह होगा.
दूसरी बात यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला है,
तो सब कुछ बाकायदा हो रहा ,बेकायदा नही.
तो भलाई इसी में है के प्यार से इसमें शामिल हो जाये.

कार्तीक : पर डॅड इससे रोजगार मिलेगा क्या ?

डॅड : देखोबेटे,मंदिर बननेपर देश भरके और दुनियाभरके श्रद्धालू और टूरिस्ट उमड आयेंगे.
तो रेल्वेस्टेशनपर अब्दूलचाचा कहेंगे,बैठो तांगेमें चलो रामलल्ला के दर्शनके लिये,
एअरपोर्टपर इजाज ड्रायव्हर कहेगा, सर , मॅम आईये,आपको मंदिर छोडता हूँ.
फ्रांसीस कहेगा सर हाॅटेल रुम्स रेडी है, राजू गाईड कहेगा,आईये मै आप को बारीकीसे जानकारी देता हूँ, रामप्यारी पूजा के लिये फूल बेचेगी,मॅथ्यूज नारीयल बेचेगा, मथूरा हलवाई प्रसाद के लड्डू बेचेंगे, कपडे,सारीयाँ,बर्तन आदी दूकाने कारोबार करेगी.रस्ते चौडे हो जायेंगे, बागबगिचे मे फूल महकेंगे,खुषी से डोलेंगे.

कार्तीक : आप कहना क्या चाहते हो?

डॅड : शीश झुकाओ राम गुण गाओ
बोलो जय विष्णु के अवतारी

रामजी की निकली सवारी
रामजी की लीला है न्यारी

कार्तीक : डॅड phone जल्दी से रखो, दूसरे call waiting में है

डॅड: जो रामजी की ईच्छा बेटे.




Wednesday, 1 July 2020



आली एकादशी
ग्रासे जरी कोविड
मुखी तरी गोविंद
वारकरी

हाती ग्लोव्हज्
मुखी मास्क
एकची टास्क
नाचूरंगी

सॅनीटाझर ची उधळण
वैष्णवां ना ताप
डोळ्यांपुढे बाप
पांडूरंग

कसले हे वर्ष
यंदा नाही वारी
तूच देवा तारी
भक्तजना

एकमेका आता
नाही लोटांगणे
उभी घटींगणे
पोलीस ते


युगे चार मास
राबताती अथक
सफाई मदतनीस
डाॅक्टर,नर्स,पोलीस
रात्रंदिस


तुझ्यात पांडूरंग
म्हणोनी वारकरी
पोलीस पाय धरी
होत धन्य
🙏🏻🙏🏻🙏🏻



-- राजेश मोराणकर
१-जुलै- २०२०